जो धुन-ए-बांसुरी मेरी बन जाने लगती हैं, तेरी जुल्फें न जाने क्यों लहराने लगती है, शाम झील किनारे तुम मिलती हो तो क्या बोलूँ, तेरा साया देख झील तक डूब जाने लगती है। #bansuri #बांसुरी #जन्माष्टमी #janmashtmi #krishna #radha #yqhindiurdu #YQ #YQdidi #yqbaba #YoPoWriMo #Yourquote #Yqbhaijan......