खुद को इतना भी ना बचाइऐ,, हो जब बारिशें शहर में तो भीग जाइए,,, आपके खुश रहने को लोग खुशियाँ ना लाएंगे,,, हो सके तो छोटी छोटी बातों से खुश हो जाइए।।। सूरज खुद चल कर आप तक ना आएगा,,,, खिड़कियाँ खोल आप ही इसको घर बुलाइए।। दर्द जब मिलना ही है ज़िंदा रहने को,,,, तो क्यूँ ना अब हौले हौले मुस्कराइए।।। बोलने को तो हर कोई ही बोलता है कुछ ना कुछ,,, हो सके तो आप ही बातों में मिश्री मिलाइए।।। खुशियो को ना मिली राह जो आपके घर की,,, आप ही पकड़ उंगली इनकी किसी घर ले जाइए।।। सांसो का काम है जिंदा रखना और दिल का मोहब्बत करना,,, जो आपसे ना हुई किसी को तो क्या,,, आप ही हर किसी से करते जाइए।।।