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तन्हाइयों का हुजूम ,क्या महफ़िल है , कुछ रिश्तों क

तन्हाइयों का हुजूम ,क्या महफ़िल है ,
कुछ रिश्तों की खीजन, कुछ ज़द में दिल है ,
कहीं दूर से आया कोई इल्ज़ाम बे - ग़ैरत ,
सज़ा-ए-अश्क दूं किसे , बड़ी मुश्किल है ,
अरे हम तो हैं अहले - सुखन , 
हम ही बेज़ार हैं ,
जश्न-ए-अमीरी में कहां सुकुं हासिल है ,
ये अश्क भी छलके हैं बड़े गु़रूर से ,
कई दर्द सोखता है ,वो बड़ी फाजिल है,
बड़ी खामोश हैं रातें , कुछ सदाएं चीखती हैं ,
कुछ रास्तों के ठोकर अब भी हासिल हैं ,
कुछ हश्र भी खड़े हैं ,हो के मग़रुर ,
ज़रा जगह दो उन्हें , वो भी शामिल हैं ,
के ये दिल नहीं बहरे - ज़ुल्मात का घर है ,
बे-फ़िज़ूल तुम कहते हो, ये शायर का दिल है ।

©s.s.saumya #OneSeason #nasm #Dard_e_dil #tanhaiyan Ishpreet Chabra Darpana Singh Lipika Jain Pallavi Kumari Ranbir Ranjan
तन्हाइयों का हुजूम ,क्या महफ़िल है ,
कुछ रिश्तों की खीजन, कुछ ज़द में दिल है ,
कहीं दूर से आया कोई इल्ज़ाम बे - ग़ैरत ,
सज़ा-ए-अश्क दूं किसे , बड़ी मुश्किल है ,
अरे हम तो हैं अहले - सुखन , 
हम ही बेज़ार हैं ,
जश्न-ए-अमीरी में कहां सुकुं हासिल है ,
ये अश्क भी छलके हैं बड़े गु़रूर से ,
कई दर्द सोखता है ,वो बड़ी फाजिल है,
बड़ी खामोश हैं रातें , कुछ सदाएं चीखती हैं ,
कुछ रास्तों के ठोकर अब भी हासिल हैं ,
कुछ हश्र भी खड़े हैं ,हो के मग़रुर ,
ज़रा जगह दो उन्हें , वो भी शामिल हैं ,
के ये दिल नहीं बहरे - ज़ुल्मात का घर है ,
बे-फ़िज़ूल तुम कहते हो, ये शायर का दिल है ।

©s.s.saumya #OneSeason #nasm #Dard_e_dil #tanhaiyan Ishpreet Chabra Darpana Singh Lipika Jain Pallavi Kumari Ranbir Ranjan
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