मैं सृजन की खेती करता कविता के पौध उगाता हूँ अंतर्वेदना के बीजों से छंदो के फूल खिलाता हूँ तुमने तो ख़ुशियाँ लिखी और विजयोत्सव के गान लिखे मैं वेदना लिखता हूँ और पीड़ा के गीत सुनाता हूँ Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Gokahani