जब मेरे दिल पर हुई एक खूबसूरत सा एहसास मन को भी छू गयी कैसा था यह एहसास, क्या था कुछ मुझे खबर नही बस मैं खुद को ढूंढ रहा था मगर खुद में अब मैं खुद नही, तेरी चाहत इस कदर हो बढ़ चली हृदय को सिर्फ़ सांसों को तेरे महसूस करना चाहता हूँ कविता हो ,या फिर कोई गज़ल ,संगीत हर ओर मैं सिर्फ़ "जान" तुझे ही पाना चाहता हूँ दस्तक दी जब मोहब्बत ने दिल पर मैं पल भर में ही किसी और का हो गया एहसास जगे बहुत से भीतर मेरे कांधे पर सिर रख जैसे मैं उसके सो गया खुली जब आंखे प्यार हद पार कर रहा चुका था जुल्फ़ थे खुले उनके, मैं ओढ़ने को प्यार का आंचल पा चुका था दस्तक मोहब्बत की हर सीमा लांघ चुका था मैं अब स्वयं का नही " सिर्फ़ अपनी लाडली" का चुका था!! -💞kavi-ek kavyapremi💞✍️ ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1010 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।