कोई रंग तो होगा ही तेरी-मेरी अनकही चाहत का भी जितना दूर झटकती ख़्यालों से तुझको मैं उतना गहरा मन में समाता जाता तू जितना नज़दीक आता तू उतना दूर भागती तुझसे मैं कोई रंग तो होगा ही तेरी-मेरी बेज़ुबान मोहब्बत का भी होकर भी जो अनहोनी है दिल में है दोनों के ही पर लुकी-छिपी कहीं बैठी है..! Muनेश..Meरी✍️ 💮कृपया ध्यान रखिएगा की हमारे साथ COLLAB करते टाइम आपका "COLLAB" का option भी ON हो। अन्यथा आपकी एंट्री प्रतियोगिता से बाहर हो जाएगी🙏। आज की प्रतियोगिता के लिए आज हमारे शब्द हैं 🌸"कोई रंग तो होगा" #wkd48 इन शब्दों को प्रयुक्त करते हुए कविता, शायरी या किसी अन्य रूप में रचना कीजिये। 👉 कृपया ध्यान दीजिएगा इस प्रतियोगिता में तीन विजेताओं का चयन किया जाएगा। 👇 प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय।।।