छोड़कर जाने का जो तुम सोच रहे हो, क्यों इन उम्मीदों का गला घोंट रहे हो, नहीं आसान पानी का रास्ता बदलना Zayd, फिर क्यों तुम दरिया को अपनी तरफ मोड़ रहे हो ।. #poetry by #Zaid #shayari #Aslam