रूठ जाती है मुझसे पर जताती नहीं उमर से जायदा शायद बड़ी हो गयी है, इसलिए आंसू दिखाती नहीं.. ना खिलौनो की मांग है, ना कहीं घूमने जानें की चाहत.. सिर्फ थोड़ा वक़्त चाहती है, कम्बख्त वो भी मिल पाती नहीं.. कब आओगे, कहाँ जा रहे हो पूछती रहती है.. उसकी आंखे मेरी अनकही समझ पाती नहीं.. ख़ाब में तो घंटों खेलती है मेरे साथ, हकीकत में गले लगा पाती नहीं.. ख्वाहिशों की साजिश ने कर दिया बेबस इतना.. रहते है साथ पर साथ हो पाते नहीं... आज भी रूठ जाती है मुझसे पर जताती नहीं.... #Daughter #Father