निकालोना आगे आगे गाव के पार.... बैठे है चलाने अपने ही यार..... पता नहीं कहा तक चलेंगे या पहाड से टकरायेगे.... धीरे ही चलना जरा अकेले ही बैठे है.... पाणी गहराई कितनी पता नहीं नावमे पाणी कम नहीं... चलाने तो बैठे पर जाऐंगे कितने दुर पता नहीं.... लगता है सपनो का महल आयेंगा.... पास जाके रूका तो किसीने मजाक बनाया.... और कितनी दुरी पता करो जरा.... भागे नही थे नाव मे खडे .... न लगा रास्ते मे महल ना जीवन का पता... बस चलाले जीवन की नाव आयेगा क्या किनारा..... सुप्रभात। बंधु यह जीवन की नाव, सोचो कैसे पहुँचे सपनों के गाँव... #जीवनकीनाव #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi