जब किसी को सोच कर रोना आये। नहीं चाहते हुए भी आँसू आपके आँखों को छोड़ तकिये में अपना घर बनाने लग जाये तो समझियेगा आप अपने हिस्से का प्रेम जी रहें हैं। जानते हैं प्रेम सिर्फ ख़ुशियाँ और हँसी ही नहीं लाता। ये लाता है अपने साथ अनंत पीड़ा, वेदना, आह और सिसकियाँ। जब ये सब मिलता है न तब जा कर कहीं प्रेम मुक़्क़मल होता है आप मुक़्क़मल होते हैं। तो क्या हुआ जिससे प्रेम किया था आपने उसने आपको नहीं समझा या आपने शायद उनको नहीं समझा या कर एक-दूसरे के साथ आये थे वो नहीं हुआ। जाने दीजिये न। कम से कम अहसास तो हुआ। कभी अकेले में उनको सोच कर मुस्कुराये तो होंगे। कभी अक्षय कुमार के गानों में, कभी the notebook पढ़ कर, तो कभी सूरज बडज़ात्या के फिल्मों को देखते हुए आपको वो अपने पास महसूस हुए होंगे। कभी चाँद को देख कर ये सोचा तो होगा, कि इसी वक़्त में दुनिया के किसी कोने बैठा मेरा महबूब चाँद देख रहा होगा। तो कभी बारिश की बूंदों को अपने चेहरे पर गिरता महसूस करते हुए ये सोचे होंगे कि शायद ये बादल उनके ऑफिस छत से गुज़रते हुए मेरे पास आया होगा। इस बादल में शायद उनके साँसों की महक शामिल होगी। देखिये न कितना कुछ तो दिया है आपको आपके प्रेम ने। लिया कहाँ है कुछ? क्यों कोसना महबूब को जिसके लिए दुआओं के धागे मन में बांधें हो। जिसकी ख़ुशियों के लिए सबसे छिप कर उपवास रखा हो। जिसे कभी माँ सरीख़ा दुलराया हो 'बाबू' कह कर। तो कभी प्रेयसी बन उसके माथे को अपने गोदी में धर कर उँगलियों से हल्की -हल्की मालिस की हो उसके नींद आ जाने तक और जो उसे नींद न आ रहा अपने सीने पर उसका सिर रख उसे अपने धड़कनों का गीत लोरी बना कर सुनाया हो। अब बताइये जो आप किसी को यूँ प्रेम किये, बेतरह, बेहिसाब टूट कर किये और फिर अगर वो प्रेम छूट रहा हो तो उसे अपने उस प्रेमी को विदा ऐसे तो न देंगें। उन्हें जाने से पहले और उनके जाने के बाद भी प्रेम करेंगे। टूट कर करेंगे और एक बात ऐसा नहीं है कि उनको अगर एकतरफ़ा प्रेम करेंगे तो ये कम पड़ जायेगा या ख़त्म हो जायेगा। प्रेम अनंत है। अटूट है। सिर्फ प्रेम ही करेंगे विदाई के बाद भी। ❤ ©Md Aamir Hussain दहकते उबलते लफ्ज़ #OneSeason official sunny Rajvanshi Santosh Narwar Aligarh