धन तथा धर्म बन रहे हैं... प्रेम की परिणति मन मस्तिष्क में इन्हें न विचारकर शून्य के प्रति प्रेम शून्य के प्रति चाहत शून्य की पराकाष्ठा को ध्यान में रखकर किया प्रेम में आलिंगन ही विशुद्ध प्रेम का पर्याय हैं... #yqbaba #yqhindi #yqlove #yqquotes #yqlife #love #गहनअध्ययन #गहन