छुप छुप कर तुमको देखना पसंद करते हैं हम। खामोशी से तुम्हारी अदाये गिनते हैं हम।। तुम्हारे पास आकर तुम्हारी, महक से भर जाते हैं हम। अच्छा सुनो, कभी तो हमारे दिल के गलियारे में आओ, कुछ ख्वाब हमारे, हमारी नज़रों से देखो तुम। हमारे हर ख्वाब को तुम्हे दिखायेंगे हम, तुम्हे ही तुमसे वाकिफ करायेंगे हम।।। tumko dikhayenge hum