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भीड़ में खो जाता हूं, भ्रमित सा रहता हूं, अकेले मे

भीड़ में खो जाता हूं, भ्रमित सा रहता हूं,
अकेले में खुलता हूं, अपने दिल की बातें सुनाता हूं।
दोस्त सामने हों, दिलों का सफर चलाता हूं,
डर की दीवारें गिराता हूं, सच्चाई में बहलाता हूं।





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©Sitanshu maurya
  भीड़ में खो जाता हूं, भ्रमित सा रहता हूं,
अकेले में खुलता हूं, अपने दिल की बातें सुनाता हूं।
दोस्त सामने हों, दिलों का सफर चलाता हूं,
डर की दीवारें गिराता हूं, सच्चाई में बहलाता हूं।

भीड़ में खो जाता हूं, भ्रमित सा रहता हूं, अकेले में खुलता हूं, अपने दिल की बातें सुनाता हूं। दोस्त सामने हों, दिलों का सफर चलाता हूं, डर की दीवारें गिराता हूं, सच्चाई में बहलाता हूं। #Happy #Friend #alone #Yourself #लव #sitanshu #UskeSaath

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