वो कद्रदान नहीं रहे। जहाँ बस तुम्हारी बातें ही होती थी अक्सर, वो बैठकें अब रोशन नहीं रही। तुम बिना अलविदा कहे चले तो गए, मगर तुम्हारी गूँजती हँसी आज भी बसी है वहीं। वो महफ़िलें नहीं रहीं, वो लोग भी नहीं रहे... #महफ़िलें #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi