तन्हा सी ये रातें मेरी, मुझे मेरे दर्द का एहसास कराती है। हुई हूं मैं अब तक असफ़ल, ये मुझसे मुझे रूबरू कराती है।। कदम मेरे डगमगा जाते है, ये अकेलेपन का बोध कराती है। हार जीत तो है जीवन का पहलू, ये भी ये हमे बताती है।। तू है मुसाफ़िर अपने सफ़र कर, ये हमको चलना सिखाती है। रुकना तेरा काम नहीं, हार से सीख को, ये हमें बताती है।। मंजिल से पहले होता आराम नहीं, दर्द भरी रातें गुनगुनाती है। जीत की तू लिख दे कहानी, रातों में प्रेरणादायक कहानी सुनाती है।। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-93 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6-8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।