जिम्मेदारियों में बड़ी दुश्वारियां है। 👇 वक्त में कटौती अपनों के हिसाब से करनी पड़ती है। शौक की बातों से आनाकानी करनी पड़ती है। जब लगे थोड़ा और पढ लें तो तब नौकरी करनी पड़ती है। सब सहते हुए भी खुद को तसल्ली की राग सुनानी पड़ती हैं। नौकरी के साथ पढ़ाई बेमन हर वक्त दिल को चिढ़ाती है। घर के उम्मीद सम्भाले तो खुद के ख्वाब बिखर कर मुस्काती है। ~~शिवानन्द #जिमेदारियां #शौक #ख्वाब #नौकरी #पढाई