जिंदगी से भागता हुआ सा जा रहा था, मैं अब वो सच था जो बस झूठ चाह रहा था। ख्वाब खरीदे नींद बेचकर, फिर मैं वो दिन था, जो बस रात चाह रहा था। राह खरीदे मंजिल बेचकर ,मैं वो सफर था जो हरपल नए हालात चाह रहा था। जिंदगी देखी मौत मांग ली,मैं अब दो गज जगह में कायनात चाह रहा था। जिंदगी, सफर, हकीकत।।।।।।।।।। #जिंदगी#हाल#सोच#हकीकत Nojoto News बी.डी. यादव पंकज P.Writes ✒ Arika