Nojoto: Largest Storytelling Platform

घड़े सा था मैं, तुम मुझमें पानी की तरह, अपनी मुसका

घड़े सा था मैं,
तुम मुझमें पानी की तरह, 
अपनी मुसकान से 
तुम मुझे शीतल किया करती थीं, 
और घुल जाया करता था,
मैं तुममें मिट्टी की सुगंध की तरह, 
फिर एक दिन, मैं टूटा क्या ज़रा सा, 
तुम बह निकली मुझमें से कहीं,
जैसे निकलता है,
कोई पंछी किसी पिंजरे से,
फिर कभी ना लौटकर आने के लिए....

©Prashant Shakun "कातिब"
  #pshakunquotes #प्रशांत_शकुन_कातिब 





 Sherni... Varun... Vikash Singh ishq_e_butterfly  priyanka gupta (gudiya)  Vinod singh sijwali Saloni vishwakarma The Devil बाबा ब्राऊनबियर्ड  Til vali ladki ! Sudha Tripathi "सीमा"अमन सिंह अं_से_अंशुमान शायरा "माही" ( पहाड़ी छोरी)  "Vibharshi" Ranjesh Singh शायरा "माही" ( पहाड़ी छोरी) चाँदनी Pyare ji सचिन सारस्वत  R Ojha priyanshi Mysterious Girl Arpita+ve soul The Shivam Pandey  NIDHI कवि आलोक मिश्र "दीपक" Krati Mandloi Swati Tyagi  Richa Chaubey Manali Rohan Ayushi Singh (Banarasi Chhori) sarika @it's_ficklymoonlight