नवंबर की गुलाबी ठंड मे ,चलो न साथ चलते है अरमानों की छाव में हल्की धूप की तलाश करते है। महकी कलियों का मौसम है ,शाम सलोनी लगती है हम तुम मिलकर साथ ख्वाब नए बुनते है। ©Ritu shrivastava #badalta_mousam