वो लम्हे मेहफ़ूज़ हैँ, जो तेरे साये में बिताये थे.. जले तो होंगे हाथ तेरे, खत तूने जब मेरे जलाये थे.. कि... तार-तार हो गयीं पलकें, तेरे दीदार को, ऐ जालिम.. अब तो खुद रुक्सत नहीं होते ये आंसू, मैंने बड़ी सिद्दत से सजाये थे..!! ... dharma #आंसू💔