White मैं हैरान था देख कर ज़माने की तैयारी, बाद मरने के जैसे लौट आने की तैयारी। ग़नीमत थी रह गई सलामत मेरी कश्ती, लहरों ने कर रखी थी डूबाने की तैयारी। ©एस पी "हुड्डन" #तैयारी