ये गीत है मन का मीत मेरे कोई बिन मतलब का शोर नहीं, हम अपनी धुन के हैं मस्ताने हम पर किसी का जोर नहीं हम चुप बैठे हैं जग के कोलाहल में मगर बाजुएं कमजोर नहीं, हो तानाशाही किसी के हक पर ये हरगिज हमें मंजूर नहीं, सबको दे दे न्याय हमेशा ये दुनिया का दस्तूर नहीं, जो अपनी सोचे औरों के ऊपर हम इतने भी मगरूर नहीं, छाए हैं बादल नभ में लेकिन हुए अभी घनघोर नहीं, ये गीत है मन का मीत मेरे कोई बिन मतलब का शोर नहीं, कोई बिना मतलब का शोर नहीं।। -rj_rohit #Silence #rj_series #स्वछन्द