प्रकृति ने किया रिमझिम बरसात, का दिल खोल स्वागत, अम्बर, धरा, पक्षी, वृक्ष,पर्वत,पहाड़ , जुट गए सभी करते है आवभगत इस बारिश ने सभी को नहलाया , धरती भीग कर धन्य भाग्य हैं पाया, किसानों ने अपनी फसलों को पकाया, मयूर ने सुंदर नृत्य दिखाया, चारो दिशाओं को तरोताज़ा पाया, दिल मे छुपे थे जो जज्बात, काश!पिया मिलन की हो सौगात, झूम उठे हम दोनों इस बारिश में, हो बस उसके औऱ मेरे अल्फाज़ो की बात, संग आये मेरे प्रकृति का प्यारा सा साथ, देख ये राग मल्हार गुदगुदाए मेरे मन के एहसास, हर बार ये बारिश होती हैं मेरे लिए ख़ास, कहीं किसी का मिलन हो तो कहीं बुझती हैं प्यास, हे! रिमझिम की फुहार लगाओ न अधिक तुम वार, धरा के सभी प्राणी कर रहे ,तेरी एक बूंद का इंतज़ार, आ भी जा ,न कर आस को तार तार, करते हैं हम सब रिमझिम बूंदों से प्यार, ये फुहार भाँति हैं मन को हर बार। #रिमझिम #rain #बारिश #बारिशकाइंतज़ार #profoundwriters #hkkhindipoetry #poetry #myquote