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कोई   हँसता  कोई रोता, कोई बेफिक्री में सोता। को

कोई   हँसता    कोई रोता, कोई बेफिक्री में सोता।
कोई बाँटता फिरे  खुशी,कोई पाप का बोझा ढोता।।

दुनिया की अजब कहानी,कहीं प्रेम कही मनमानी
कहीं बरसते फूल  हँसी  के कहीं  आँख  से पानी।।
कोई पुण्य से भरे झोली कोई बीज दुखों के बोता।।

कोई संभल संभल के चलता,कोई मन विषयों में फिसलता।
कोई  राग  द्वेष  में पलता है, कोई परहित दीप सा जलता।।
कोई बिना बात हर लेता प्राण कोई घाव किसी के धोता।।

कोई   सत्य  का अमृत पीता, कोई  झूँठ  सहारे जीता।
कोई क्षमा प्रेम सदाचार रखे कोई मन उपकार से रीता।
कहीं लक्ष्मी करे निवास और कहीं सदा ही बैठे टोटा।।

कोई रखता ज्ञान पिपासा, कही भरी है घोर निराशा।
कोई सद्कर्मों की नाव बैठ करता मुक्ति अभिलाषा।
कोई ईश शरण आ जाता है कोई भंवर में खाये गोता।। कोई हंसता कोई रोता
कोई   हँसता    कोई रोता, कोई बेफिक्री में सोता।
कोई बाँटता फिरे  खुशी,कोई पाप का बोझा ढोता।।

दुनिया की अजब कहानी,कहीं प्रेम कही मनमानी
कहीं बरसते फूल  हँसी  के कहीं  आँख  से पानी।।
कोई पुण्य से भरे झोली कोई बीज दुखों के बोता।।

कोई संभल संभल के चलता,कोई मन विषयों में फिसलता।
कोई  राग  द्वेष  में पलता है, कोई परहित दीप सा जलता।।
कोई बिना बात हर लेता प्राण कोई घाव किसी के धोता।।

कोई   सत्य  का अमृत पीता, कोई  झूँठ  सहारे जीता।
कोई क्षमा प्रेम सदाचार रखे कोई मन उपकार से रीता।
कहीं लक्ष्मी करे निवास और कहीं सदा ही बैठे टोटा।।

कोई रखता ज्ञान पिपासा, कही भरी है घोर निराशा।
कोई सद्कर्मों की नाव बैठ करता मुक्ति अभिलाषा।
कोई ईश शरण आ जाता है कोई भंवर में खाये गोता।। कोई हंसता कोई रोता
hitendradayal1448

Hitendra

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