#KargilVijayDiwas माँ के आँखों का तारा, बाप के बुढ़ापे का सहारा था वो बहन का ग़ुरूर, प्रियतमा के ज़िन्दगी का हर एक रंग था वो सारे रिश्ते फिके पर गए जब माँ भारती ने पुकारा था तोड़ के रिश्ते के जंजीरों को अपना कर्तव्य वो निभाया था शत शत नमन उन शाहीदों को जिसने कतरा - कतरा रक्त का बहा कर कारगिल पर तिरंगा लहराया था। #kargilvijaydiwas #wordsbysuman