इतनी भी बुरी नहीं है तू कि मैं तुमको नाराज़ कर जाऊं। एक ही तो मिली है तू, मेरी ज़िंदगी, कैसे तुमको शर्मसार कर जाऊं। # ऐ ज़िंदगी गले लगा ले #