तू कदम्ब का... दरख़्त जानम पत्ते पत्ते... विचर लूँ क्या ? शीतल सुनहरी... छाँव है तेरी कुछ पल ...यहां सर धर लूँ क्या ? बरसो पड़ी....विरह में नैना कर काजल...प्रियम तुझको सुकूंन लोचन.... भर लूँ क्या ? हिम हिमालय....हसीन वादियां तुझमे सबको.... हर लूँ क्या ? अनकही सी....सहस्त्र बाते तुझ संग...अब मैं कर लूं क्या ? तुझमे जीवन सब ढूंढे.... तुझ पर खुद से.... मर लूँ क्या ? तू कदम्ब का दरख़्त जानम.... पत्ते पत्ते... विचर लूँ क्या ? ©Raj choudhary "कुलरिया" #कदम्ब Amita Tiwari vks Siyag Roshani Thakur deepti Pushpvritiya