मैं तो बस रिश्तों को भुनाने आया हूं, इक मुद्दत से हूं भूखा, बस तबियत से खानें आया हूं, एक मुद्दत से नहीं देखी है मय, बस पैमाने में डूबने की है प्यास, तेरे दर पे प्यास बुझाने आया हूं । ©Harvinder Ahuja #अनूठा बंधन