|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8
।।श्री हरिः।।
प्राक्कथन
मैंने कहानी लिखना ही प्रारम्भ किया किसी तथ्य को समझाने के लिए। धार्मिक, आध्यात्मिक, नैतिक विषयों में लेखों के द्वारा जिन्हें समझाया जाता है उन्हें मैंने कहानी द्वारा समझाने का प्रयत्न किया है।
इतिहास , भूगोल अथवा आधिदैवत जगतका भी वर्णन जो दिया गया है यथा सम्भव स्पष्ट है। इनसे भी पाठक को परिचित कराया गया है ।
घटनाएँ और पात्र सभी कल्पित नही भी हैं- तो भी उनको सत्य बतलाने का प्रयत्न नही है। अत: घटनाओं तथा नामों के पीछे मत पडे़, कहानी में प्रतिपादित तथ्य को ग्रहण करें।