तरकश में मेरे अभी और हथियारों का जखीरा है.. मर गया तो भी गम नहीं ज़िंदादिल..तुझमें ही तो तज़किरा है.. इस जिस्म पे ना इस मोह माया का इल्म तुझे .. बढ़ता चला सिना ठोके ..बाखुदा तू ही तो ज़िंदादिल फ़कीरा है।।। #ज़िंदादिल संदीप तजकिरा - a biographical memoir