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कलाई दामिनी दमके लरजे सावन धड़कन हुईं बावरी है। ल

कलाई

दामिनी दमके लरजे सावन धड़कन हुईं बावरी है।
ला दे बलम हरी  चूड़ियाँ कलाई मेरी कोरी है।।
रचाऊँ  तेरे नाम की मेंहदी, प्रीत धानी चुनर ओढ़ी है।
आन मिलो पिया तुम बिन सावन मेरी अधूरी है।।

अम्बिका मल्लिक ✍️

©Ambika Mallik
  #कलाई  gyanendra pandey वंदना .... poonam atrey Anil Ray Babli BhatiBaisla  MIND-TALK Kirti Pandey कवि संतोष बड़कुर