बेबसी,ख्यालात और दर्द दर्द से भरे लम्हें और लम्हो मे भरा दर्द, आज मुझे प्यारा लगता है,, बेबसी से भरे ख्यालत और ख्यालात से भरी बेबसी,, आज बेबसी का भी कोई उनका इशारा लगता है दर्द से भरे लम्हें और लम्हो मे भरा दर्द मुझे प्यारा लगता है,, वो आये और चले भी गए,, अब उनको ये जताना भी गवारा लगता है अब खुद को पारीक खुद ही का दीवाना लगता ह,, बेबसी से भरे ख्यालत और ख्यालात से भरी बेबसी, आज उनका कोई इशारा लगता है अब मुझे लम्हो मे भरा दर्द और दर्द से भरा लम्हा बड़ा प्यारा लगता है इंतजार मे उनके मुद्द्त निकल गयी,, अब इंतजार भी उनका कोई बहाना लगता है,, शायद पारीक उनको अब अनजाना, आवारा लगता है,, बेबसी से भरे ख़्यालात और ख्यालात भरी बेबसी उनका अब कोई इशारा लगता है,, दर्द से भरे लम्हें और लम्हो से भरा दर्द अब बड़ा प्यारा लगता है... ©Rahul pareek(RP) #बेबसी_ख्यालात_और_दर्द by Rp