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तुम्हारी आँखों में आँसू देख, मेरा मन चूर - चूर ह

तुम्हारी  आँखों में आँसू देख, 
मेरा मन चूर - चूर हो गया। 
जिस फूल (प्रेमिका)  को सजाकर रखना था, 
वो किसी और के नसीब हो गया।। 

सोचा था, तुझे सजाकर, अपनी पलकों पर रखूँगा। 
मगर, वो किसी और की, 
पैरों की दूल हो गया।। 

उसकी इस दसा को देखकर,  दिल टूट जाता है, 
मैं भी, क्या करूँ, उसे रोते हुए देखकर, 
मुझे भी रोना आ  जाता है। 

ए जान, माना आज, तू मेरा नहीं है, 
मगर तुझे हीफादत् करना, 
ए दिल कैसे भूल गया।। 
तेरी हर दर्द मुझे, गुन्हेगार हूँ तेरी जिंदगी का, 
एक न समझी सवाल दे गया।। 
one side love❤ filling.

©कवि विजय सर जी #intezaar  hindi shayari
तुम्हारी  आँखों में आँसू देख, 
मेरा मन चूर - चूर हो गया। 
जिस फूल (प्रेमिका)  को सजाकर रखना था, 
वो किसी और के नसीब हो गया।। 

सोचा था, तुझे सजाकर, अपनी पलकों पर रखूँगा। 
मगर, वो किसी और की, 
पैरों की दूल हो गया।। 

उसकी इस दसा को देखकर,  दिल टूट जाता है, 
मैं भी, क्या करूँ, उसे रोते हुए देखकर, 
मुझे भी रोना आ  जाता है। 

ए जान, माना आज, तू मेरा नहीं है, 
मगर तुझे हीफादत् करना, 
ए दिल कैसे भूल गया।। 
तेरी हर दर्द मुझे, गुन्हेगार हूँ तेरी जिंदगी का, 
एक न समझी सवाल दे गया।। 
one side love❤ filling.

©कवि विजय सर जी #intezaar  hindi shayari