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लोग अक्सर सोचते हैं कि तन्हां हूं मैं, वह जो ज़िन्

लोग अक्सर सोचते हैं कि तन्हां हूं मैं, वह जो ज़िन्दगी से चला गया , पर यह तो मैं जानती हूं कि वह तो कभी आया ही न था, लगता है उनको कि खो दिया मैंने उसे, मगर यह भी सच है कि मैनें तो कभी उसे पाया ही न था,जो सोचते हैं कि मेरी हर ख़ुशी की वजह वह ही था , उन्हें क्या पता कि उसने तो कभी मुझे हंसाया ही न था , ये इश्क़, मोहब्बत जो भी था सब मेरा था, उसने तो कभी हाथ बढ़ाया ही न था, अक्सर जब बैठती हूं तन्हां तो सोचती हूं, कितना रो ली उस अनजान के लिए आख़िर क्यों? मैने तो कभी किसी को रुलाया ही न था , इम्तेहान बहुत दे दिए मगर अंजाम ना आया, मैने तो कभी किसी को आज़माया ही न था , शिकवा क्या करूं कि उसे मेरे दर्द का एहसास नहीं , जब मैने उसे कभी अपना हाल बताया ही न था , अगर मेरी कोई एक ग़ज़ल भी पढ़ लेता वह तो हर अल्फ़ाज़ में ख़ुद को पाता , अ़फसोस कि मैने कभी  अपना कोई शेर उसे सुनाया ही न था , मैने क्यों उम्मीद की , कि वह धूप में साथ रहेगा, जब पता था मुझे कि वह मेरा साया ही न था , जब किसी ने यूं सवाल किया कि क्या मिला  तुम्हें ख़ुद को तकलीफ़ पहुंचाकर?? तो मेरा जवाब था यूं, कि जनाब मिला तो कुछ नहीं  बस इक नया ज़ायका मिला क्योंकि इससे पहले कभी धोखा खाया ही न था ।। "न वह है न वह था"!! #एकसच #अनजानज़माना  #नामुकम्मल
लोग अक्सर सोचते हैं कि तन्हां हूं मैं, वह जो ज़िन्दगी से चला गया , पर यह तो मैं जानती हूं कि वह तो कभी आया ही न था, लगता है उनको कि खो दिया मैंने उसे, मगर यह भी सच है कि मैनें तो कभी उसे पाया ही न था,जो सोचते हैं कि मेरी हर ख़ुशी की वजह वह ही था , उन्हें क्या पता कि उसने तो कभी मुझे हंसाया ही न था , ये इश्क़, मोहब्बत जो भी था सब मेरा था, उसने तो कभी हाथ बढ़ाया ही न था, अक्सर जब बैठती हूं तन्हां तो सोचती हूं, कितना रो ली उस अनजान के लिए आख़िर क्यों? मैने तो कभी किसी को रुलाया ही न था , इम्तेहान बहुत दे दिए मगर अंजाम ना आया, मैने तो कभी किसी को आज़माया ही न था , शिकवा क्या करूं कि उसे मेरे दर्द का एहसास नहीं , जब मैने उसे कभी अपना हाल बताया ही न था , अगर मेरी कोई एक ग़ज़ल भी पढ़ लेता वह तो हर अल्फ़ाज़ में ख़ुद को पाता , अ़फसोस कि मैने कभी  अपना कोई शेर उसे सुनाया ही न था , मैने क्यों उम्मीद की , कि वह धूप में साथ रहेगा, जब पता था मुझे कि वह मेरा साया ही न था , जब किसी ने यूं सवाल किया कि क्या मिला  तुम्हें ख़ुद को तकलीफ़ पहुंचाकर?? तो मेरा जवाब था यूं, कि जनाब मिला तो कुछ नहीं  बस इक नया ज़ायका मिला क्योंकि इससे पहले कभी धोखा खाया ही न था ।। "न वह है न वह था"!! #एकसच #अनजानज़माना  #नामुकम्मल
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