ऐ ताज़ तेरे आग़ोश में मुमताज़ आज भी सोई है दुनियां के साथ अजूबों में लिखी एक प्रेम कहानी है जब चांद ताज़ को छूता है बन जाता ताज़ है चांदनी, आलिंगनबद्ध हो चांद-ताज़ चम-चम चमके फिर रातों में यह प्रेम कहानी आज भी, दिखती है चांदनी रातों में.!! #अजय57 #स्वरांजली_चित्रावली_19 #स्वरा ताजमहल