अंधिया गम कि चलेंगी तो सवर जाउंगा मै मैतो दरिया हुॅ समन्दर पे उतर जाउंगा मै मुझको शूली पे चढाने कि जरूरत ही क्या है मेरे हाथो से कलम छीन लो तो मर जाउंगा मै