आंखों ही आंखों में इकरार हो जाता है जब बिन कहे किसी से प्यार हो जाता है बुनती है ये आंखें नये ख्वाब कुछ इस तरह दिल अजनबी चाहत का तलबगार हो जाता है #अजनबी_प्यार_की_चाहत_का_तलबगार