चलों कुछ बेवकूफियां करे.... पूरे आसमां को मुट्ठी में भर, फिर फूँक मारे.... पानी के बुलबुलों संग, अठखेलियाँ करे.... चलों ना एक बार फिर, बेवकूफियां करे.... प्रतिभा श्रीवास्तव अंश