थकन... पड़ गए हैं छाले पांवों में, गले में चुभन है! पथरारी आँखों की थकन में, अंधियारी आंगन मन है! जलती-बुझती हवा में लौ... पथ-पथ गिरती लाठी है! घने रात से सूरज निकले, अब भी उम्मीद बाक़ी है... ©श्वेतनिशा सिंह~🕊️ #sunlight #थकन #अनकहे_अल्फ़ाज़ #यूंहीतोनहीं #nojotohindiwriters #nojotohindiquotes #soothingsouls #boostthyself