न तुमने मर्यादाएं लांघी, न मैंने स्वीकृति दी.. बात थी कुछ ऐसी , मैं चहकने लगी.. मुरझाई पीली पत्ती में, हरियाली छाने लगी.. तेरे मूक प्रेम की भावना से, अस्तित्व अपना पाने लगी. सच ही है शायद, प्रेम में एक-दूजे को पाना नहीं, मन से मन का मिलन जरूरी है.. Anju Singh 🙏की कहानी से प्रेरित विवाहेतर संबंध - एक ज्वंलत विषय #योरकोटकहानी #yourquotestory_thoughtforlife #yqstorywriting #tulikagarg