सारा तेरे हिस्से, कुछ बचा तो मेरे हिस्से, कुछ सपने तो कुछ पंख कांटे, बचा तो अधूरे ख्वाब मेरे हिस्से, कुछ टुकड़ों में यूं बांटा, कभी भाई तो कभी बेटा बना, पर कभी अपना ना बना. वफ़ा भी तेरे हिस्से, बची बेवफाई सारी मेरे हिस्से, ये जवानी तेरे हिस्से, सारी जिम्मेदारियां मेरे हिस्से। -life of Men. ©Dr. Kaushik Patel #MomentOfTime