ये रीती नहीं कुरीती है, जहां हर बार बलिदान सिर्फ स्त्री का दिया जाता। कोख में ही भ्रूण हत्या, और पैदा हो गई, तो बोझ का नामकरण। बड़ी हुई तो समाज के ताने, युवा हुई तो बंदिशें। शादी के नाम पे ढेर सारा दहेज, और विधवा हुई तो मनहूस का स्वरूप।। यही कहानी अब भी चली आ रही, बरसों की लगी नजर अब तक नहीं उतरी जैसे। क्यू ये दोमुंहा व्यवहार अपना रहे, मैं स्त्री हू कोई वस्तु नहीं।। mks_M K SANYA #nojotopoetry #nojotolife #nojotohindi #nojotofeel #nojotohindi #nojotowomen