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सुबह जनवरी की जाड़ों में जागते, मेरे रूठने पर मुझे

सुबह जनवरी की जाड़ों में जागते,
मेरे रूठने पर मुझे प्यार से मनाते,
थोड़ी शैतानियों पे झड़प के तमाचे लगाते,
मुझको रुला के फिर मुझे सहलाते,
मुझे मिट्टी से इमारत बनाते मां तुम्हीं तो थे।

साल गुजरे महीने गुजरे पर हाथ आपने छोड़ा नहीं,
गुस्सा हुए नाराज़ हुए पर साथ आपने कभी छोड़ा नहीं,
मेरी उमंगों को संभालने का आप जैसे हौसला नहीं,
मेरे संस्कारों का दीप जलाए पापा आप ही तो थे।

मुझे चिढ़ाते मुझे दुलारते और पुचकारते थे आप,
मेरी छोटी छोटी गलतियों पे गुर्राते थे आप, 
मुझे हर तरह के खतरे से है आपने उभारा,
मुझको राह दिखाते जैसे हो कोई ध्रुव तारा,
मुझको ससमय सीख दिलाते भाई आप ही तो थे।

आपके आने से घर में रौनक आ गई है,
पूरे घर आपके आने के बाद सस्ती सी छा गई है,
हर चीज का ध्यान आप जाने कैसे रख लेती है,
सबके हिस्से की खुशियां आप ही तो देती है,
मेरे ज्ञान को राह दिखाते भाभी आप ही तो थे।

स्नेह का ना ख़तम हो सके ऐसा भंडार है आप,
बचपन से ही मिला है आपके पैरों का छाप,
अपना ममता का आंचल सदा मेरे सर पर रखा,
निर्मल बचपन से ही आप मेरे सखा,
उंगली पकड़ चलाते बड़ी दीदी आप ही तो थे।

लड़ना झगड़ना रूठना मनाना हमेशा चलता है,
अंधेरी यादों में आपका लव जलता है,
सारे अंतरिम बातों का पता आपको होता है,
आपके जाने से घर में सुने पन का एहसास होता है,
मुझे सहारा देते दीदी कदम आपके ही तो थे। प्रिय परिवारजनों को दीदी की नमस्ते।

कल क्रिसमस है, और कुछ ही रोज़ में नया साल आ जाएगा। सब नए-नए रेसोल्यूशन बनाएंगे अपने लिए मगर एक ज़रूरी काम करना भूल जाएंगे। वो जो हमारे क़रीब रहते हैं हमेशा, हमारा ख़्याल रखते हैं। उनको धन्यवाद कहना, शुक्रिया कहना, थैंक्स कहना भूल जाते हैं। 

लिखें उनके लिए। #तुमहीतोथे 
#collab #yqdidi #क्रिसमसडे  #YourQuoteAndMine
Collaborating with  YourQuote Didi
सुबह जनवरी की जाड़ों में जागते,
मेरे रूठने पर मुझे प्यार से मनाते,
थोड़ी शैतानियों पे झड़प के तमाचे लगाते,
मुझको रुला के फिर मुझे सहलाते,
मुझे मिट्टी से इमारत बनाते मां तुम्हीं तो थे।

साल गुजरे महीने गुजरे पर हाथ आपने छोड़ा नहीं,
गुस्सा हुए नाराज़ हुए पर साथ आपने कभी छोड़ा नहीं,
मेरी उमंगों को संभालने का आप जैसे हौसला नहीं,
मेरे संस्कारों का दीप जलाए पापा आप ही तो थे।

मुझे चिढ़ाते मुझे दुलारते और पुचकारते थे आप,
मेरी छोटी छोटी गलतियों पे गुर्राते थे आप, 
मुझे हर तरह के खतरे से है आपने उभारा,
मुझको राह दिखाते जैसे हो कोई ध्रुव तारा,
मुझको ससमय सीख दिलाते भाई आप ही तो थे।

आपके आने से घर में रौनक आ गई है,
पूरे घर आपके आने के बाद सस्ती सी छा गई है,
हर चीज का ध्यान आप जाने कैसे रख लेती है,
सबके हिस्से की खुशियां आप ही तो देती है,
मेरे ज्ञान को राह दिखाते भाभी आप ही तो थे।

स्नेह का ना ख़तम हो सके ऐसा भंडार है आप,
बचपन से ही मिला है आपके पैरों का छाप,
अपना ममता का आंचल सदा मेरे सर पर रखा,
निर्मल बचपन से ही आप मेरे सखा,
उंगली पकड़ चलाते बड़ी दीदी आप ही तो थे।

लड़ना झगड़ना रूठना मनाना हमेशा चलता है,
अंधेरी यादों में आपका लव जलता है,
सारे अंतरिम बातों का पता आपको होता है,
आपके जाने से घर में सुने पन का एहसास होता है,
मुझे सहारा देते दीदी कदम आपके ही तो थे। प्रिय परिवारजनों को दीदी की नमस्ते।

कल क्रिसमस है, और कुछ ही रोज़ में नया साल आ जाएगा। सब नए-नए रेसोल्यूशन बनाएंगे अपने लिए मगर एक ज़रूरी काम करना भूल जाएंगे। वो जो हमारे क़रीब रहते हैं हमेशा, हमारा ख़्याल रखते हैं। उनको धन्यवाद कहना, शुक्रिया कहना, थैंक्स कहना भूल जाते हैं। 

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