सतत प्रयास प्रिये!ईश्क़ का तुम्हारा था बेमिसाल कयास बिछड़ने का हमारा था बदहाली का आलम प्यार का भविष्य हैं प्रिये! ठोकरें खाने का इंतज़ाम ईश्क़ तुम्हारा था. अधरों में मुस्कान नही है, प्रीत तुम्ही से अब भी करता हूँ, माधुर्य सौगात की उम्मीद नहीं, ईश्क़ अजर अमर है हमारा बस ये दोहराता हूँ जब भी अकेले में तेरी याद आती हैं, दिल कराहता हैं, सच मानो प्रीत अब भी तुमसे हैं दिल भी यही जताता हैं,अधरों में तेरे बिन मुस्कान नही है, मैं मुदित प्रीत तुम्ही से अब भी करता हूँ।मुदित सतत प्रयास प्रिये।