वक़्त यूं फिसलता गया रेत सा, जख्म भी भरता रहा आहिस्ता आहिस्ता ।। हम भी चल दिए एक नई मंजिल की ओर ,आखिर कब तक ठहरे रहते कभी ना मुकम्मल होने वाली एक ख्वाब पर ।। लेकिन गुजरना भी तो था उन्हीं पुराने रास्तों से, उनके ही यादों से, उनके ही खुस्बू से, उनकी ही कभी ना ख़तम होने वाली बातों से, फिर बीच राह में एक आवाज़ इन कानों में गूंजी मानो जैसे केह रही हो या तो रास्ते बदल या फिर मंजिले, बेहिसाब बर्बाद कर खुद को उसके लिए या फिर अपने आप को बेशुमार आबाद कर, बेपनाह नफ़रत कर उससे, या खुद से बेइंतेहा मोहब्बत कर । या उसको पूरी तरह भुला दे या वापिस खुदको ज़िंदा कर ।। " अधूरी मोहब्बत" 🖋️ #इश्क़ #brokenheart #strongsoul #poetry #storyteller #fakelove #pain