स्वर्ग तो कभी देखा नहीं, कल्पना में डूब देखा तो, धरा सा लगा कुछ नही। नैन निहारते वन–उपवन, जब दर्द देख भर आए मन किसी की पीड़ा कर दू कम। डोलता मनवा कहता यही, पर पीड़ा को जो हर ले तू, मानो स्वर्ग यहीं स्वर्ग यहीं। ©Manisha Maru #स्वर्ग