मैं चाहता नही था मगर हो रहा था मेरा इश्क़ उसपर बेअसर हो रहा था मैं बस एक उसका दर पाने के वास्ते अपने ही लोगों में दर-बदर हो रहा था उसके इश्क में इतना मशरूफ रहता था की मैं अपने हाल से बेखबर हो रहा था उसके सपने देख-देखकर मैं विरान हो गया और उसका कहीं आबाद शहर हो रहा था वही शख्स जिसके लिए मैं शहद जैसा था वही शख्स जिसके लिए मैं जहर हो रहा था #बेअसर #दर_बदर #मशरूफ #बेखबर #शहद #जहर #गुमनाम_शायर_महबूब #gumnam_shayar_mahboob