साँझ सूर्या - इस साँझ से भी क्या कहूं क्यूँ हर रोज ये ढल जाती हैं... मेरी मोह्ब्बत की फ़िज़ाये भी महबूब के घर से बहकर आती है.. तरुण सूर्यवँशी "साहिल" #saanjh #nojotohindi #love #life #poet #thoughts #shayar #shayari #साँझ #ढलना #मोहब्बत #फिजायें #महबूब #घर