उनकी आंखों का काजल कहर ढ़ा रहा था। उनका गुलाबी होंठ मुझे पास बुला रहा था।। हुस्न की मल्लिका थी या हूर की परी थी वो। उनके इश्क के नशे में मैं डूबा जा रहा था।। उनसे नजरों का मिलना धड़कनें बढ़ा रहा था। वो दूर रहकर मुझसे अपनी एहमियत जता रहा था।। करूं शुक्रिया ख़ुदा का उसने क्या चीज़ बनाई है। लड़की है जादु है या किसी ने जादु की छड़ी घुमाई है।। ©P Prashun Mishra #katleaam #isqe #kajal #gulabi_hoth #dil....... #hearts