आजकल मेरे ख़यालों में तुम ही तुम बसे हो। देखता हूँ जिधर हर तरफ तुम ही खड़े हो। साथ उन ख्वाबों में तुम्हारा भी चाहिए। इस दिल को तुम्हारा ही सहारा चाहिए। आओ गले से लगा लो हमें तुम। हमारी तरह तुम भी अपना बना लो हमें तुम। 🎀 Challenge-429 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 पिन पोस्ट 📌 पर दिए गए नियमों एवं निर्देशों को ध्यान में रखते हुए अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए। 🎀 कोरा काग़ज़ समूह की पोस्ट नोटिफ़िकेशन्स ज़रूर 🔔 ON रखिए। जिससे आपको कोरा काग़ज़ पर होने वाली प्रतियोगिताओं की जानकारी मिलती रहे। 🎀 कोरा काग़ज़ पर प्रतिदिन दोपहर 3 बजे "मस्ती की पाठशाला" होती है और शाम 5 बजे "उर्दू की पाठशाला" होती है। आना न भूलना।